यह एक
bpsc अधिकारी बनने की
प्रेरक कहानी है जिसमें एक गाँव के छोटे से घर में दीपक नाम के अभ्यर्थी bpsc में सफलता की चाह की उम्मीदों से अपनी तैयारी कर रहा था। पिता किसान थे, माँ गृहिणी, जीवन में साधन सीमित थे, पर सपने असीमित। दीपक का सपना था—बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा पास कर प्रशासनिक अधिकारी बनना।
बचपन से ही उसने अपने गाँव की समस्याएँ देखी थीं—टूटी सड़कों, शिक्षा की कमी, गरीब किसानों की मजबूरी और भ्रष्टाचार की दीवारें। इस प्रकार बचपन में ही
bpsc अधिकारी बनना उसने तय कर लिया था कि वह बदलाव लाएगा, और यह बदलाव केवल शिकायत करने से नहीं, बल्कि व्यवस्था का हिस्सा बनने से आएगा।
BPSC अधिकारी बनने का सफर, प्रेरक कहानी के रूप में:-
दीपक की राह
Bpsc अधिकारी बनने के लिए आसान नहीं थी। बिजली कटौती, संसाधनों की कमी और आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद, उसने हार नहीं मानी। हर सुबह 5 बजे उठकर पढ़ाई करता, गाँव की लाइब्रेरी में अखबार पढ़ता, और रात को तेल के दीये के सहारे किताबों में डूब जाता। गाँव के बुजुर्ग कहते—”बेटा, तुम्हें तो बड़ा आदमी बनना है, पढ़ते रहो!” ये शब्द उसके लिए संजीवनी बन गए।
सफलता से पहले असफलता का स्वाद:-
bpsc की परीक्षा में सफलता पाने के लिए उसने कड़ी मेहनत की, लेकिन
पहली बार में वो pt की परीक्षा भी पास नहीं कर पाया।
दूसरी बार में कुछ अंकों के कारण मुख्य परीक्षा में असफल रहा। लेकिन उसने हार नहीं मानी।
“BPSC परीक्षा में सफलता की प्राप्ति तीसरी बार के प्रयास से मिली” , इस परीक्षा में जब अंतिम परिणाम आया, तो उनका नाम चयनित अभ्यर्थियों की सूची में था। गाँव में ढोल-नगाड़े बजे, मिठाइयाँ बाँटी गईं। दीपक अब एक BPSC अधिकारी बन चुका था।
BPSC अधिकारी बनने का गौरव और जिम्मेदारियाँ
अब दीपक सिर्फ एक छात्र नहीं, बल्कि एक प्रशासनिक अधिकारी था। उसे Sdm
(Sub Divisional Magistrate) के रूप में पहली पोस्टिंग मिली। अब उसके पास कई अधिकार और जिम्मेदारियाँ थीं—
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कानून-व्यवस्था बनाए रखना, जनता के विकास कार्यों को लागू करना , शिक्षा सुधारना आदि कार्य:- एक अधिकारी के रूप मे दीपक ने इन सभी कार्यों से अपने अधिकारी जीवन की शुरुवात की। अपने गाँव की याद आते ही उसने स्कूलों की स्थिति सुधारने का संकल्प लिया। उसने विद्यालयों की निरीक्षण किया, शिक्षकों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित की और गरीब बच्चों के लिए छात्रवृत्ति योजना लागू करवाई।
प्रेरणा बने अन्य अधिकारी और उनकी कहानियाँ
दीपक को भी कई अधिकारियों से प्रेरणा मिली थी, जिससे उन्हे, अधिकारी बनने में सफलता मिली , वे अधिकारी थे —
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- कुमार अनुपम ( 2017, SDM) जिन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को राहत पहुँचाने के लिए दिन-रात मेहनत की।
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- IPS विकास वैभव (BPSC से UPSC तक सफर) जिन्होंने प्रशासनिक सेवा में रहते हुए शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ‘Let’s Inspire Bihar’ जैसी पहल चलाई।
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- IAS कंवल तनुज जो अधिकारी रहते हुए गरीबों के लिए योजनाओं को लागू करके प्रसिद्धी पाए
एक दिन, जब दीपक गाँव लौटा, तो बुजुर्गों ने उसका सम्मान किया और कहा—”बेटा, तुमने हमारी पीढ़ी का सपना पूरा कर दिया।” यह पल उसके लिए सबसे बड़ा सम्मान था। अब वह न केवल एक अधिकारी था, बल्कि एक बदलाव का वाहक था।
आप भी बन सकते हैं दीपक की तरह:-
अगर दीपक अपने संघर्ष और मेहनत से BPSC अधिकारी बन सकता है, तो आप भी बन सकते हैं।
बस जरूरत है संकल्प, परिश्रम और धैर्य की। जब तक आप हार नहीं मानेंगे, सफलता आपका इंतज़ार करेगी।
“एक सपना देखो, उसे पाने की हिम्मत रखो, और मेहनत से उसे सच कर दो!”
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